महादेव को प्रिय मंत्रों में “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात” शामिल हैं। इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महादेव के प्रिय मंत्र

- ॐ नमः शिवाय
- यह मंत्र शिवजी की आराधना का सबसे प्रसिद्ध और सरल मंत्र है। इसका जाप करने से मानसिक शांति और आत्मिक बल मिलता है।
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात
- यह महामृत्युंजय मंत्र है, जो जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए जपा जाता है।
- महाकाल मंत्र
- “ॐ महाकालाय नमः” इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को संकटों से मुक्ति और महाकाल की कृपा प्राप्त होती है।
- शिव तांडव स्तोत्र
- यह स्तोत्र भगवान शिव के तांडव नृत्य की महिमा का वर्णन करता है और इसे पढ़ने से शक्ति और साहस की प्राप्ति होती है।
- शिव चालीसा
- यह 40 श्लोकों का संग्रह है, जिसमें भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने से भक्तों को शिवजी की कृपा प्राप्त होती है।

मंत्रों का महत्व
- आध्यात्मिक उन्नति
- इन मंत्रों का जाप करने से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वे शिवजी के निकट होते हैं।
- संकटों से मुक्ति
- नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति मिलती है।
- शांति और संतुलन
- ये मंत्र मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करते हैं, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मकता महसूस करता है।

भगवान शिव के मंत्रों का जप करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं:
शारीरिक लाभ: महामृत्युंजय मंत्र का जाप स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और रोगों से मुक्ति दिलाता है। यह दीर्घायु और शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में भी सहायक है।
आर्थिक लाभ: शिव मंत्रों का जाप आर्थिक समृद्धि और धन के आगमन में सहायक होता है। जैसे दारिद्रयदहन शिव स्तोत्र का पाठ आर्थिक तंगी को दूर करता है।
मानसिक लाभ: शिव मंत्र मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करते हैं। नियमित जाप से मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
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