जानिए रमज़ान कब से शुरू हो रहा है और इसकी मान्यताएं?

रमजान 2025 का महीना 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन यह चाँद की दृष्टि पर निर्भर करेगा। कुछ स्थानों पर, यह 28 फरवरी से भी शुरू हो सकता है। रमजान की विशेषताएँ

  • रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है।
  • यह प्रार्थना, उपवास, दान और धार्मिक समर्पण का समय है।
  • रमजान का अंतिम तिहाई विशेष रूप से पवित्र होता है, क्योंकि यह कुरान के पहले आयतों के प्रकट होने की याद दिलाता है।

उपवास के नियम

  • सुबह का भोजन (सेहरी) पौष्टिक होना चाहिए।
  • उपवास तोड़ने के लिए खजूर और पानी का सेवन करना चाहिए।
  • पांच समय की नमाज पढ़ना और तरावीह (विशेष रात की नमाज) अदा करना अनिवार्य है।
  • दान (जकात, सदक़ा) करना और जरूरतमंदों की मदद करना महत्वपूर्ण है।

रमजान के बाद का त्योहार

  • रमजान के अंत में ईद उल-फितर मनाया जाता है, जो उपवास के बाद का उत्सव है।

रमजान का महीना इस्लाम में अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके कई आध्यात्मिक, सामाजिक और व्यक्तिगत महत्व हैं।

1. उपवास (सौम) का महत्व:

  • रमजान के दौरान मुसलमान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं। यह उपवास न केवल खाने-पीने से बचने का है, बल्कि बुरी आदतों, गुस्से और नकारात्मक विचारों से भी दूर रहने का है।
  • उपवास का उद्देश्य आत्म-नियंत्रण, धैर्य और संयम को विकसित करना है।

2. आध्यात्मिक विकास:

  • रमजान के दौरान कुरान का अध्ययन और प्रार्थना का विशेष महत्व है। मुसलमान इस महीने में कुरान के पूरे पाठ का प्रयास करते हैं।
  • यह समय अल्लाह के करीब जाने, अपने पापों की माफी मांगने और आत्मा की शुद्धि का है।

3. समाज सेवा और दान:

  • रमजान में दान (जकात और सदक़ा) देने पर जोर दिया जाता है। यह जरूरतमंदों की मदद करने और समाज में समानता लाने का एक तरीका है।
  • यह महीने में सामूहिकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है।

4. सामाजिक एकता:

  • रमजान के दौरान परिवार और समुदाय के लोग एक साथ इफ्तार (उपवास तोड़ने) करते हैं, जिससे आपसी संबंध मजबूत होते हैं।
  • यह समय एकजुटता, सहयोग और सामूहिक प्रार्थना का है।

5. आभार और संतोष:

  • उपवास के माध्यम से लोग उन लोगों की स्थिति को समझते हैं जो हमेशा भोजन और सुविधाओं से वंचित रहते हैं। यह आभार और संतोष की भावना को बढ़ाता है।

6. ईद उल-फितर:

  • रमजान के अंत में ईद उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है, जो उपवास के समापन का प्रतीक है। यह खुशी, उत्सव और एकता का समय है।

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